प्यार-भरी बातें करता हूँ,
मैं अपनी मुस्कान से!
मैं कितना सुंदर हूँ ... ... .
चिड़िया मुझको भाती है!
मेरा गाल चूमकर बिल्ली
मुझे प्यार कर जाती है!
पूँछ हिलाकर, मूँछ नचाकर,
म्याऊँ करती शान से!
मैं कितना सुंदर हूँ ... ... .
हरदम खेला करता हूँ!
"फिकर" नहीं मुझको जाड़े की,
सदा मस्त मैं रहता हूँ!
माँ ने है टोपा पहनाया,
हवा घुसे ना कान से!
मैं कितना सुंदर हूँ ... ... .
9 टिप्पणियां:
बहुत प्यारी कविता ....
sundar foto ke saath ek pyari si kavita...
बहुत सुन्दर कविता...बधाई. सब टोपी वाले...हा..हा..हा..
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'पाखी की दुनिया' में 11.1.11....कुछ तो खास है !
तुम सबसें सुन्दर हो!
तभी तो रवि जी को तुम्हारा टोपा भा गया है!
बहुत प्यारी कविता ..
यहां दो बच्चो का चित्र हे एक छॊटा बच्चा दुसरा थोडा बडा.... अजी दोनो ही बहुत सुंदर हे :)
pyari kavita
sach jhlakta hai
पता चल गया आप सचमुच सुन्दर हैं । बधाई भई ।
raghvendr ji namskar avam nav -varshh ki shubh-kamna.
bahut hi sundar balgeet.bahut hi pyari si rachna ,man ko bha gai.
poonam
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