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मंगलवार, जनवरी 11, 2011

मैं कितना सुंदर हूँ : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत

मैं कितना सुंदर हूँ


मैं कितना सुंदर हूँ साथी,
देखो मुझको ध्यान से!
प्यार-भरी बातें करता हूँ,
मैं अपनी मुस्कान से!
मैं कितना सुंदर हूँ ... ... .


आसमान में उड़ती चूँ-चूँ
चिड़िया मुझको भाती है!
मेरा गाल चूमकर बिल्ली
मुझे प्यार कर जाती है!
पूँछ हिलाकर, मूँछ नचाकर,
म्याऊँ करती शान से!
मैं कितना सुंदर हूँ ... ... .


इधर दौड़ता, उधर दौड़ता,
हरदम खेला करता हूँ!
"फिकर" नहीं मुझको जाड़े की,
सदा मस्त मैं रहता हूँ!
माँ ने है टोपा पहनाया,
हवा घुसे ना कान से!
मैं कितना सुंदर हूँ ... ... .



रावेंद्रकुमार रवि

9 टिप्‍पणियां:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत प्यारी कविता ....

Shubham Jain ने कहा…

sundar foto ke saath ek pyari si kavita...

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता...बधाई. सब टोपी वाले...हा..हा..हा..

___________________
'पाखी की दुनिया' में 11.1.11....कुछ तो खास है !

बेनामी ने कहा…

तुम सबसें सुन्दर हो!
तभी तो रवि जी को तुम्हारा टोपा भा गया है!

माधव( Madhav) ने कहा…

बहुत प्यारी कविता ..

राज भाटिय़ा ने कहा…

यहां दो बच्चो का चित्र हे एक छॊटा बच्चा दुसरा थोडा बडा.... अजी दोनो ही बहुत सुंदर हे :)

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

pyari kavita
sach jhlakta hai

खबरों की दुनियाँ ने कहा…

पता चल गया आप सचमुच सुन्दर हैं । बधाई भई ।

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

raghvendr ji namskar avam nav -varshh ki shubh-kamna.
bahut hi sundar balgeet.bahut hi pyari si rachna ,man ko bha gai.
poonam

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