"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

शुक्रवार, जुलाई 16, 2010

नए जहाँ के इन बच्चों में होशियारी है बहुत : सरस चर्चा ( ५ )



प्यारे दोस्तो, आप सभी को


अक्षयांशी, आदि, जादू, पाखी, माधव और लवी का प्यार-भरा नमस्कार!

नन्हे दोस्तों की इस साप्ताहिक चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है..
यह सप्ताह बहुत धमाल और मस्ती-भरा रहा..
देखते हैं, क्या-क्या ख़ास हुआ है बच्चों के ब्लॉग्स की दुनिया में इस बार..

भाग :१: ख़ुशी के लम्हे

१. सरस पायस को मिला "बेस्ट इन कंप्यूटर्स" अवार्ड




इसके साथ ही "पाखी की दुनिया" का एक साल भी पूरा हो गया है..



लँगोटी से चड्ढी तक का पूरा सफर ब्लॉग पर..

हमारी ओर से इन तीनों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ..



भाग :२: हमारी बातें



फ़ोटो होती तो ज़रूर दिखाते..
आपको मज़े लेने के लिए उसके ब्लॉग पर ही जाना पडेगा..
क्या पता वहाँ फ़ोटो भी मिल जाए..

२. आदि स्कूल में...



हाँ.. ऐसा ही है आदि का स्कूल..

३. बबल्स का खेल इशिता के साथ..



४. छोटी पाखी कह रही है "सॉरी मम्मी ......."
गिर गया तो गिर गया मोबाइल..
मस्त रहने का... मम्मी ने तो कब का माफ़ कर दिया.. पूछो ज़रा...
५. नन्ही-सी जान और ढेर सारे काम..
देखो न, लवी को कितना काम करना पड़ रहा है..

६. कहानी सुना रहा है शुभम् : क्लाउड्स की टक्कर और वर्षा



भाग ३: नन्ही कलम से


१. सागर कुमार बाल सजग पर


बरसात का मौसम बड़ा सुहाना
देता शीतल हवा और ठंडक




-- : मेघावी सिंह की तितली :--



और मज़े की बात यह है कि
इस चित्र के साथ बड़ी कलम भी है रावेंद्र कुमार रवि की..

बैठो आकर मेरे सिर पर,
दर्पण में मैं देखूँगी!
मैं भी नाचूँ, तुम भी नाचो,
मन में ख़ुशियाँ भर लूँगी!



३. विश्वबंधु चित्र और गीत के साथ सरस पायस पर


ये हैं विश्वबंधु..


यह है : उनके द्वारा बनाया गया चित्र..



और ये रहे उनके गीत के बोल..

वह तो सबके मन को भाया।
सूरज आया, सूरज आया।

भाग :४: बच्चों के लिए


१. चूचू और चिंटी - नन्हा मन पर सीमा सचदेव

अंधियारे में करे शैतानी
कॊपी पर वो डाले पानी


२. "स्लेट और तख्ती" नन्हें सुमन पर डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री


सिसक-सिसक कर स्लेट जी रही,
तख्ती ने दम तोड़ दिया है।
सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है,
कलम टाट का छोड़ दिया है।।



३. बारिश का मजा - बाल दुनिया पर कृष्ण कुमार यादव


बंटी, बबलू, पाखी आओ
सब बारिश का मजा उठाओ
छप-छप-छप खेलो पानी में
कागज की तुम नाव चलाओ

--: सूचना :--

१. 'बाल-दुनिया' हेतु बच्चों से जुड़ी रचनाएँ,
चित्र और बच्चों के बारे में जानकारियाँ आमंत्रित हैं..
जल्दी से भेज दीजिए.. इस पते पर..



२. बच्चों की और बच्चों के लिए प्यारी-प्यारी बातें
इस नए संकलक पर आप हमेशा देख सकते हैं..
यह केवल और केवल बच्चों के लिए है..

और चलते-चलते देखिए ये दो स्टंट




अब लगाते हैं सरस चर्चा के इस अंश पर विराम...


और आज इसे आप तक लेकर आए हैं आदि के पापा...



अगले सप्ताह इस रंग-बिरंगी दुनिया में फिर मिलेंगे...


तब तक के लिए - शुभविदा!


13 टिप्‍पणियां:

रंजन (Ranjan) ने कहा…

रवि जी.. बहुत सुन्दर सजावट.. शुक्रिया..

निर्मला कपिला ने कहा…

हे राम ये बच्चे???????????? तौबा तौबा। सभी को ढेरों आशीर्वाद और इनकी उपलब्धियों पर बधाई।

Shubham Jain ने कहा…

aree wah bachcho ne to kamal hi kar diya...sabhi ko bahut payar....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

नन्हे सुमन को तलाश रहा था!
वो तो मिला नही मगर बहुत सारे
खिलते प्रसूनों को देखकर मजा आ गया!

रंजन ने कहा…

शास्त्री जी,

नन्हें सुमन इस बार नहीं छूटा है

ये देखें

२. "स्लेट और तख्ती" नन्हें सुमन पर डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री

सिसक-सिसक कर स्लेट जी रही,
तख्ती ने दम तोड़ दिया है।
सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है,
कलम टाट का छोड़ दिया है।।

रंजन

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

धन्यवाद!
--
तख्ती या स्लेट का चित्र नहीं दिखाई दिया ना!
--
सोच रहा हूँ "नन्हे सुमन" का नाम एक बार पुनः बदल डालूँ!

और अपने पौत्र या पौत्री के नाम पर ही इसका नामकरण कर दूँ!

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

देखा हम बच्चों का कमाल...प्यारी-प्यारी चर्चा. पर ये तीसरा भाग नहीं दिखा.

रंजन ने कहा…

पाखी भूल रही हो..

ये रही
http://saraspaayas.blogspot.com/2010/07/3.html

तुम तो कमेन्ट भी कर के आई हो..

माधव( Madhav) ने कहा…

बढ़िया पोस्ट , मैंने देवनागरी में लिखा है . अब तो आप खुश होंगे

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुन्दर चर्चा...मन खुश हो गया ...

डॉ. देशबंधु शाहजहाँपुरी ने कहा…

BAHUT PYARA PRASTUTIKARAN HAI...MAN BHAI...BADHAI...

बेनामी ने कहा…

वाह !! बच्चा मंडली आज फिर इकठ्ठा है... बहुत सुन्दर :)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

पोस्ट दोबारा लगाई है तो एक कमेंट -
--
अब यह पोस्ट अच्छी लग रही है!
--
पुराने चावल अपनी महक बिखेर रहे हैं!

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