प्यारे दोस्तो, आप सभी को
१. सरस पायस को मिला "बेस्ट इन कंप्यूटर्स" अवार्ड
हाँ.. ऐसा ही है आदि का स्कूल..
३. बबल्स का खेल इशिता के साथ..
४. छोटी पाखी कह रही है "सॉरी मम्मी ......."गिर गया तो गिर गया मोबाइल..मस्त रहने का... मम्मी ने तो कब का माफ़ कर दिया.. पूछो ज़रा...५. नन्ही-सी जान और ढेर सारे काम..देखो न, लवी को कितना काम करना पड़ रहा है..
६. कहानी सुना रहा है शुभम् : क्लाउड्स की टक्कर और वर्षा
भाग ३: नन्ही कलम से
देता शीतल हवा और ठंडक
और मज़े की बात यह है किइस चित्र के साथ बड़ी कलम भी है रावेंद्र कुमार रवि की..
बैठो आकर मेरे सिर पर,
दर्पण में मैं देखूँगी!
मैं भी नाचूँ, तुम भी नाचो,
मन में ख़ुशियाँ भर लूँगी!
३. विश्वबंधु चित्र और गीत के साथ सरस पायस पर
ये हैं विश्वबंधु..
और ये रहे उनके गीत के बोल..
वह तो सबके मन को भाया।
सूरज आया, सूरज आया।
भाग :४: बच्चों के लिए
१. चूचू और चिंटी - नन्हा मन पर सीमा सचदेव
अंधियारे में करे शैतानी
कॊपी पर वो डाले पानी
२. "स्लेट और तख्ती" नन्हें सुमन पर डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री
सिसक-सिसक कर स्लेट जी रही,तख्ती ने दम तोड़ दिया है।
सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है,
कलम टाट का छोड़ दिया है।।
३. बारिश का मजा - बाल दुनिया पर कृष्ण कुमार यादव
बंटी, बबलू, पाखी आओ
सब बारिश का मजा उठाओ
छप-छप-छप खेलो पानी में
कागज की तुम नाव चलाओ
--: सूचना :--
१. 'बाल-दुनिया' हेतु बच्चों से जुड़ी रचनाएँ,चित्र और बच्चों के बारे में जानकारियाँ आमंत्रित हैं..
२. बच्चों की और बच्चों के लिए प्यारी-प्यारी बातेंइस नए संकलक पर आप हमेशा देख सकते हैं..यह केवल और केवल बच्चों के लिए है..
अगले सप्ताह इस रंग-बिरंगी दुनिया में फिर मिलेंगे...
तब तक के लिए - शुभविदा!
बैठो आकर मेरे सिर पर,
दर्पण में मैं देखूँगी!
मैं भी नाचूँ, तुम भी नाचो,
मन में ख़ुशियाँ भर लूँगी!
३. विश्वबंधु चित्र और गीत के साथ सरस पायस पर
सूरज आया, सूरज आया।
१. चूचू और चिंटी - नन्हा मन पर सीमा सचदेव
कॊपी पर वो डाले पानी
२. "स्लेट और तख्ती" नन्हें सुमन पर डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री
सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है,
कलम टाट का छोड़ दिया है।।
३. बारिश का मजा - बाल दुनिया पर कृष्ण कुमार यादव
सब बारिश का मजा उठाओ
छप-छप-छप खेलो पानी में
कागज की तुम नाव चलाओ
२. बच्चों की और बच्चों के लिए प्यारी-प्यारी बातें
13 टिप्पणियां:
रवि जी.. बहुत सुन्दर सजावट.. शुक्रिया..
हे राम ये बच्चे???????????? तौबा तौबा। सभी को ढेरों आशीर्वाद और इनकी उपलब्धियों पर बधाई।
aree wah bachcho ne to kamal hi kar diya...sabhi ko bahut payar....
नन्हे सुमन को तलाश रहा था!
वो तो मिला नही मगर बहुत सारे
खिलते प्रसूनों को देखकर मजा आ गया!
शास्त्री जी,
नन्हें सुमन इस बार नहीं छूटा है
ये देखें
२. "स्लेट और तख्ती" नन्हें सुमन पर डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री
सिसक-सिसक कर स्लेट जी रही,
तख्ती ने दम तोड़ दिया है।
सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है,
कलम टाट का छोड़ दिया है।।
रंजन
धन्यवाद!
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तख्ती या स्लेट का चित्र नहीं दिखाई दिया ना!
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सोच रहा हूँ "नन्हे सुमन" का नाम एक बार पुनः बदल डालूँ!
और अपने पौत्र या पौत्री के नाम पर ही इसका नामकरण कर दूँ!
देखा हम बच्चों का कमाल...प्यारी-प्यारी चर्चा. पर ये तीसरा भाग नहीं दिखा.
पाखी भूल रही हो..
ये रही
http://saraspaayas.blogspot.com/2010/07/3.html
तुम तो कमेन्ट भी कर के आई हो..
बढ़िया पोस्ट , मैंने देवनागरी में लिखा है . अब तो आप खुश होंगे
बहुत सुन्दर चर्चा...मन खुश हो गया ...
BAHUT PYARA PRASTUTIKARAN HAI...MAN BHAI...BADHAI...
वाह !! बच्चा मंडली आज फिर इकठ्ठा है... बहुत सुन्दर :)
पोस्ट दोबारा लगाई है तो एक कमेंट -
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अब यह पोस्ट अच्छी लग रही है!
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पुराने चावल अपनी महक बिखेर रहे हैं!
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