"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

मंगलवार, दिसंबर 28, 2010

प्याज की बात निराली है : सरस चर्चा ( २३ )

प्याज आजकल सबसे अधिक चर्चा में है! 
बालसजग पर भी कक्षा ७ के रचनाकार 
सागर कुमार ने प्याज की महिमा का बखान 
कुछ इस तरह किया है -

कहते हैं आलू सब्जी का राजा है।
मगर प्याज ने बजाया सबका बाजा है॥
प्याज की बात निराली है।
लेकिन इसे खाना अब खयाली है॥



मकड़ी अपने जाले में क्यों नहीं फंसती?

यह जानने के लिए बाल-संसार तक चलते हैं!



यह है शुभम् सचदेव के स्कूल में हुई चित्रकला-प्रदर्शनी का एक झलक!



पाखी की बहना तन्वी अब दो महीने की हो गई है!



नन्ही पाखी बनी बाबू मोशाय!




अपने इस चित्र के साथ चुलबुल का कहना है -

एक था राजा, एक थी रानी!
उसने बोला - "पी लो पानी!"



यह है, आपकी नई दोस्त : कृतिका चौधरी!



जब से डॉ. नागेश पांडेय "संजय" ब्लॉगिंग की दुनिया में आए हैं,
इंटरनेट पर कुछ और अच्छी बालकविताएँ प्रकाशित होने लगीं हैं!
अभिनव सृजन पर प्रकाशित उनका एक बढ़िया बालगीत पढ़िए -



इम्तहान की बिल्ली आई,
बहुत ज़ोर से वह गुर्राई।
सारे चूहे काँपे थर-थर,
झट भागे सिर पर पग रखकर।



गत सप्ताह "क्रिसमस डे" की ख़ूब धूम रही!
नन्ही परी इशिता के ब्लॉग का जन्म-दिन भी इसी दिन था!





मम्मा के साथ शरारत करनेवाले "जादू" ने जादुई रंगोंवाली
क़िताब की मदद से पेंटिंग बनाना भी शुरू कर दिया है!

IMG_7504

सेंटा क्लाज से अनुष्का की मुलाकात कुछ इस तरह हुई!



प्रांजल द्वारा बनाए गए इस चित्र के साथ
डॉ. मयंक ने यीशु को ऐसे नमन किया -


मानवता के लिए
सलीबों को अपनाया।
लोहे की कीलों से
अपना तन जिसने बिंधवाया।
आओ उस यीशू को,
हम प्रणाम करें!



माधव ने सबको ऐसे "हैप्पी क्रिसमस" कहा!



पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाने वाला क्रिसमस
प्रभु ईसा मसीह के जन्म की खुशी में हर साल
25 दिसंबर को मनाया जानेवाला
ईसाइयों के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं!
इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए चलते हैं, बाल-दुनिया में!




अब अंत में पढ़िए सरस पायस पर पढ़िए मेरी यह कविता -

सबसे प्यारी तुम



दौड़ती हो जब
पकड़ने तितलियों को
छम-छमाछम की
तरंगें छेड़कर,
याद आता है मुझे -
बचपन मेरा!


रावेंद्रकुमार रवि

7 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

यह सजीली-रंगीली चर्चा बहुत बढ़िया रही!

एस एम् मासूम ने कहा…

बहुत ही अच्छे प्रयास है...धन्यवाद्

Unknown ने कहा…

डा. नागेश सर ने आपके बारे में बताया था . आज आपका हुनर देख कर बहुत ख़ुशी हुई . चर्चा पढ़ी , आपका संपादन लाजबाब है .एक ही जगह पर आप ने कितना कुछ हाशिल करा दिया . रवि सर आपको मुझ नाचीज की बधाई .

माधव( Madhav) ने कहा…

बहुत बढ़िया चर्चा

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर चित्र ओर बहुत सुंदर लेख, इतने सारे प्याज जी? कही आप की लाटरी तो नही लग गई:)
ओर यह राम प्यारी यहां क्या कर रही हे, ताऊ सुबह से इसे ढुढ रहा हे अगली पहेली के लिये:)

आप भी जुडे ओर साथियो को भी जोडे...
http://blogparivaar.blogspot.com/

Unknown ने कहा…

चर्चा बहुत लाजबाब है बधाई

Shubham Jain ने कहा…

itni sundar charcha keliye dhanywaad...

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति