गुरुवार, सितंबर 23, 2010
मैं हूँ किशन कन्हइया : शुभम् सचदेव की शिशुकविता
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4 टिप्पणियां:
बहुत प्यारा है..
कविता बहुत प्यारी
फोटो अति न्यारी .
बहुत सुन्दर रचना है!
--
मगर किशन कन्हइया का
योगीराज वाला गुण जरूर अपनाना!
शुभम को बहुत दिनो बाद देखा है। उसे बहुत सारा प्यार कविता बहुत अच्छी लगी। सीमा जी[ शुभम ] के ब्लाग का लिन्क दे सकें तो कृपा होगी। धन्यवाद।
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