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शुक्रवार, जून 10, 2011

गाजर और टमाटर : मेहुल कपाड़िया की शिशुकविता



गाजर और टमाटर
  
बच्चो, खाओ कच्ची गाजर, 
नीबूखीरा और टमाटर! 
  
  
लाल-लाल तुम बन जाओगे,  
सुंदर बच्चे कहलाओगे! 

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मेहुल कपाड़िया 
(चित्र में हैं : सान्वी और नीहारिका)
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साभार  साभार
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14 टिप्‍पणियां:

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

अच्छी बाल रचना है . डा. श्याम सिंह शशि जी याद आ गए

हमारीवाणी ने कहा…

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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल रचना!

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

यह गीत तो मेरे स्कूल में भी बताया गया था. इसे 'पाखी की दुनिया' में पोस्ट भी किया था. इसे फिर से यहाँ पढना अच्छा लगा.

Kailash Sharma ने कहा…

सुन्दर बाल कविता...

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (11.06.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

Patali-The-Village ने कहा…

अच्छी बाल रचना है| धन्यवाद|

Kashvi Kaneri ने कहा…

बहुत मज़ेदार, बहुत ही प्यारी कविता

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बेहद सुंदर और प्यारी बाल रचना

संगीता पुरी ने कहा…

बढिया बाल रचना !!

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

Bahut sundar balgeet...sabjiyon ki mahatta ko batane vala behtareen balgeet.Mehul ji ko shubhkamnayen.
Poonam

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

इस कविता पर
आप सबकी बहुमूल्य टिप्पणी
के लिए आभार,
इस एक और कविता के साथ --

हुआ प्यार से
ख़ूब रसीला
एक टमाटर लाल!

उसको खाकर
बहुत प्यार से
हम भी हो गए लाल!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

200वीं पोस्ट की बहुत-बहुत बधाई!

Telkom University ने कहा…

How does Mehul Kapadia use language and imagery to convey the message or emotions in his Shishukavita (children's poem) about "गाजर और टमाटर" (Carrots and Tomatoes)?Telkom University

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