सुंदर बच्चे कहलाओगे!
साभार साभार
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14 टिप्पणियां:
अच्छी बाल रचना है . डा. श्याम सिंह शशि जी याद आ गए
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बहुत सुन्दर बाल रचना!
यह गीत तो मेरे स्कूल में भी बताया गया था. इसे 'पाखी की दुनिया' में पोस्ट भी किया था. इसे फिर से यहाँ पढना अच्छा लगा.
सुन्दर बाल कविता...
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (11.06.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
अच्छी बाल रचना है| धन्यवाद|
बहुत मज़ेदार, बहुत ही प्यारी कविता
बेहद सुंदर और प्यारी बाल रचना
बढिया बाल रचना !!
Bahut sundar balgeet...sabjiyon ki mahatta ko batane vala behtareen balgeet.Mehul ji ko shubhkamnayen.
Poonam
इस कविता पर
आप सबकी बहुमूल्य टिप्पणी
के लिए आभार,
इस एक और कविता के साथ --
हुआ प्यार से
ख़ूब रसीला
एक टमाटर लाल!
उसको खाकर
बहुत प्यार से
हम भी हो गए लाल!
200वीं पोस्ट की बहुत-बहुत बधाई!
How does Mehul Kapadia use language and imagery to convey the message or emotions in his Shishukavita (children's poem) about "गाजर और टमाटर" (Carrots and Tomatoes)?Telkom University
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