"सरस पायस" पर सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है!

मंगलवार, जून 01, 2010

टर्र-टर्रकर मेढक गाए : सलोनी राजपूत का नया शिशुगीत



टर्र-टर्रकर मेढक गाए!
-----------------------------------------------------

कूद-कूदकर गीत सुनाए,
टर्र-टर्रकर मेढक गाए!

जहाँ देखता कोई कीड़ा,
झट-पट अपनी जीभ बढ़ाए!
टर्र-टर्रकर मेढक गाए!

छप-छप करके नाच दिखाता,
तैर-तैर के गोते खाए!
टर्र-टर्रकर मेढक गाए!

सरक-सरक के चढ़े पेड़ पर,
चूस-चूस के अमिया खाए!
टर्र-टर्रकर मेढक गाए!
----------------------------------

सलोनी राजपूत

----------------------------------
कक्षा - छ:

डॉ. सुदामा प्रसाद बाल विद्या मंदिर

कन्या इंटर कॉलेज, शाहजहाँपुर (उ.प्र.)


9 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुइत सुंदर कविता,सलोनी राजपूत बिटिया को प्यार

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

Udan Tashtari ने कहा…

सलोनी को बधाई..बढ़िया कविता.

श्यामल सुमन ने कहा…

वाह सलोनी बिटिया। सुन्दर।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

टर्र-टर्रकर मेढक गाए!
शायद वर्षा जल्दी आये!
--
बाजारों में आम आ गये,
अमलतास पर फूल छा गये,
लेकिन बारिस नजर न आये!
टर्र-टर्रकर मेढक गाए!
शायद वर्षा जल्दी आये!
--
सूख गये सब ताल-तलैय्या,
छोटू कहाँ चलाए नैय्या!
सबको गर्मी बहुत सताए!
टर्र-टर्रकर मेढक गाए!
शायद वर्षा जल्दी आये!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुन्दर शिशु गीत....सलोनी बिटिया को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

अले वाह, सलोनी दी ने तो बड़ा सुन्दर बाल गीत लिखा और रवि अंकल तो प्यारे-प्यारे मेढक पकड़ कर लाये.

_________________
'पाखी की दुनिया' में ' अंडमान में आया भूकंप'

माधव( Madhav) ने कहा…

सलोनी को बधाई..बढ़िया कविता.

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

चर्चा मंच पर इस पोस्ट की चर्चा
निम्नांकित शीर्षक के अंतर्गत की गई है –
इस दुनिया में सबसे न्यारे!
--
पेड़ लगाकर भूल न जाना!

Related Posts with Thumbnails

"सरस पायस" पर प्रकाशित रचनाएँ ई-मेल द्वारा पढ़ने के लिए

नीचे बने आयत में अपना ई-मेल पता भरकर

Subscribe पर क्लिक् कीजिए

प्रेषक : FeedBurner

नियमावली : कोई भी भेज सकता है, "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ रचनाएँ!

"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!

प्रकाशित/प्रकाश्य रचना की सूचना अविलंब संबंधित ईमेल पते पर भेज दी जाती है।

मानक वर्तनी का ध्यान रखकर यूनिकोड लिपि (देवनागरी) में टंकित, पूर्णत: मौलिक, स्वसृजित, अप्रकाशित, अप्रसारित, संबंधित फ़ोटो/चित्रयुक्त व अन्यत्र विचाराधीन नहीं रचनाओं को प्रकाशन में प्राथमिकता दी जाती है।

रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!

पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!

"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।

अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।

आवृत्ति