रविवार, अगस्त 15, 2010
जीवन-भर रह सकें ख़ुशी से : रावेंद्रकुमार रवि का शिशुगीत
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8 टिप्पणियां:
स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक शुभकामानाएं.
बहुत अच्छा गीत ...स्वतंत्रता दिवस के लिए बधाई
साथ हमारे खेल-कूदकर,
बातें नई बताओ ना!
सरस्वती जी, आओ ना!
जीवन-भर रह सकें ख़ुशी से,
ऐसा प्यार लुटाओ ना!
सरस्वती जी, आओ ना!
दोनो मां की वन्दना अति सुन्दर ,हार्दिक बधाई इस स्वन्त्रता दिवस की .
सुंदर गीत!
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है।
भाई रवि जी ,आपने बच्चों के बीच जो उपहार पाया ,सबको पहुँचाया , इसके लिए मैं आभारी हूँ । अच्छा शिक्षक ईश्वर का सच्चा स्वरूप होता है ऽउर वह सब कुछ आप में है ।
देश का भविष्य इन नन्हें मुन्ने बच्चों और आपको स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक शुभकामानाएं.
धन्यवाद रविअंकल!
सुन्दर , स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक शुभकामानाएं
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