मेरा कान्हा, मेरा मीत!
ख़ूब सुनाता मीठे गीत!
मेरा कान्हा, मेरा मीत!
जो भी साथ खेलता इसके,
उसकी हरदम होती जीत!
मेरा कान्हा, मेरा मीत!
माखन इसे बहुत भाता है,
सबसे अच्छी इसकी प्रीत!
मेरा कान्हा, मेरा मीत!
रावेंद्रकुमार रवि
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(चित्र में : सरस पायस और गरिमा रुबाली, जब वे नर्सरी में पढ़ते थे, 1999)
11 टिप्पणियां:
जन्माष्टमी के अवसर पर सुंदर शिशुगीत ।
बहुत उम्दा!
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
बहुत अच्छा शिशुगीत!
हिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं, धड़कन भी है। यह भारत के व्यापक भू-भाग में फैली शिष्ट और साहित्यिक भषा है।
श्री कृष्ण-जन्माष्टमी पर सुन्दर प्रस्तुति...ढेर सारी बधाइयाँ !!
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'पाखी की दुनिया' में आज आज माख्नन चोर श्री कृष्ण आयेंगें...
सुन्दर गीत। आपको श्री कृष्ण जन्म आष्टमी की मंगल कामनायें
बहुत सुन्दर गीत ....कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
बहुत सुंदर वाल गीत जी, धन्यवाद
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
सरस गीत!
आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को श्री कृष्ण जन्म की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यह शिशुगीत बहुत अच्छा लगा!
बहुत सुन्दर शिशु गीत और सुन्दर चित्र है। आपको सुन्दर सम्पादन और जन्माष्टमी की बधाई
अति सुंदर रचना जी धन्यवाद
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