"सरस पायस" के अनुरूप बनाने के लिए प्रकाशनार्थ स्वीकृत रचनाओं में आवश्यक संपादन किया जा सकता है। रचना का शीर्षक भी बदला जा सकता है। ये परिवर्तन समूह : "आओ, मन का गीत रचें" के माध्यम से भी किए जाते हैं!
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रचनाकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे "सरस पायस" पर प्रकाशनार्थ भेजी गई रचना को प्रकाशन से पूर्व या पश्चात अपने ब्लॉग पर प्रकाशित न करें और अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित न करवाएँ! अन्यथा की स्थिति में रचना का प्रकाशन रोका जा सकता है और प्रकाशित रचना को हटाया जा सकता है!
पूर्व प्रकाशित रचनाएँ पसंद आने पर ही मँगाई जाती हैं!
"सरस पायस" बच्चों के लिए अंतरजाल पर प्रकाशित पूर्णत: अव्यावसायिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है। इस पर रचना प्रकाशन के लिए कोई धनराशि ली या दी नहीं जाती है।
अन्य किसी भी बात के लिए सीधे "सरस पायस" के संपादक से संपर्क किया जा सकता है।
7 टिप्पणियां:
आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा कल शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यव्सथापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल उद्देश्य से दी जा रही है!
सुंदर चित्र सुंदर कविता ....
बहुत सुंदर कविता, सुंदर चित्र
महान जनकवि नागार्जुन की दुर्लभ कविता को पढ़वाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। यूपी बोर्ड में हाईस्कूल में मैनें उनकी एक अन्य कविता 'बादल को घिरते देखा है' पढ़ी थी। आज एक और कविता वर्षा ऋतु पर पढ़ने को मिल गयी।
रवि जी बाबा नागार्जुन की इस अनमोल बाल रचना को साझा करने का आभार
बहुत सुन्दर चित्र और बहुत सुन्दर कविता...बधाई
Your poem is a very well written and drawing is to very nice 🙏🙏❤🙏🙏
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